UPI (Unified Payments Interface) एक पेमेंट सिस्टम है जो भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन्स को सरल और सुरक्षित बनाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पेमेण्ट्स को इंटीग्रेटेड और आसान बनाना है ताकि लोग कहीं भी, कभी भी पैसे ट्रांसफर कर सकें। UPI का विकास भारत में हुआ है और इसके बाद कई देशों ने इस सिस्टम को अपनाया है। भारत में आज हर नुक्कड़ पर आपको UPI पेमेंट करने की सुविधा मिलती है फिर चाहे आप चाय की दुकान पर जायें या फिर किसी भी पनवाड़ी की दुकान पर जायें आपको सभी जगह पर UPI से पेमेंट करने की सुविधा मिलती है।
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जिसमे UPI से रोजाना लगभग 501 मिलियन यूपीआई लेन-देन होते है और ऐसा हम अभी हाल ही में अगस्त 2024 के आकंड़ों के अनुसार आपको बता रहे है। इसके अलावा सितम्बर 2024 की अगर बात करें तो आंकड़े बताते है की रोजाना लगभग 68,800 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। इस हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते है की भारत के लोगों ने किस हिसाब से UPI को अपने जीवन में उतार लिया है। आइये आपको इससे जुड़ी कुछ बातों से रूबरू करवाते है जो आपकी जनरल नॉलेज को बढ़ाने वाला है।
भारत में UPI की शुरुआत कब हुई?
भारत में UPI की शुरुआत नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा की गई थी। इसे 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के तहत लॉन्च किया गया था। UPI को भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक बड़े कदम के रूप में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और वित्तीय लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाना था। अब पुरे भारत के कोने कोने में UPI Payment System काम कर रहा है और हर राज्य के हर गावं और गली में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
UPI System आने से भारत में इसका क्या असर हुआ है?
जब से भारत में UPI System शुरू हुआ है तब से भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया ही बदल गई है। एक समय था जब इसको शुरू करने के टाइम में कई राजनैतिक पार्टियों की तरफ से बयान दिए गए थे की चाय वाला कैसे इसको इस्तेमाल करेगा या फिर गन्ने के जूस वाला कैसे इसको इस्तेमाल करेगा लेकिन आज वो सब बातें गलत साबित हुई है और गली गली में इसको इस्तेमाल किया जा रहा है।
UPI ने भारत में भुगतान की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है। आज के समय में UPI के माध्यम से लोग आसानी से मोबाइल फोन से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, बिल भुगतान कर सकते हैं, और ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं। UPI के उपयोग में अत्यधिक वृद्धि हुई है और यह अब भारत का सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म बन चुका है।
भारत के अलावा कौन से देश इस्तेमाल करते हैं UPI?
UPI का सबसे बड़ा और प्रमुख उपयोगकर्ता भारत है। भारत में UPI के माध्यम से लाखों ट्रांजेक्शन्स रोज़ हो रही हैं। भारत के अलावा अगर हम भारत करें तो अरब अमीरात (UAE), नेपाल, सिंगापुर और भूटान में UPI Payment System शुरू हो चुका है और आप अगर इन देशों में जाते है तो अपने UPI से पेमेंट कर सकते है।
UAE में भी UPI की शुरुआत हुई है जहां भारतीय कामकाजी और व्यवसायिक लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। UAE में UPI सेवा प्रदान करने के लिए भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी की गई है। इसके अलावा अगर बात करें नेपाल की तो वहां भारत और नेपाल के बीच बिचौलिया बनने वाली UPI सेवा ने कदम रखा है। यहां भारतीय बैंक नेपाल के बैंकों के साथ साझेदारी कर UPI का उपयोग कर रहे हैं।
इसके साथ ही सिंगापुर में भी UPI सेवा शुरू हो गई है जहां भारतीय नागरिकों और व्यापारियों को UPI का इस्तेमाल करना आसान हो गया है। सिंगापुर में UPI की शुरुआत 2021 में हुई थी और आज सिंगापूर की एक बहुत बड़ी आबादी इसका इस्तेमाल कर रही है और धीरे धीरे इसमें काफी तेजी के साथ वृशि हो रही है। भूटान में भी अब UPI का काफी अधिक इस्तेमाल हो रहा है। भूटान में भी भारतीय बैंक UPI के माध्यम से पेमेंट की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं। UPI के जरिए भूटान में भारतीय भुगतान आसानी से किए जा रहे हैं।
दुनिया के बाकि देश में UPI को लेकर क्या सिचुएसन है?
मौजूदा समय में दुनिया के बाकि देशों में UPI का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है और उनके पास में अपने खुद का पेमेंट सिस्टम है जो UPI की तरह ही काम करता है लेकिन अन्य देशों में भी UPI की काफी चर्चा हो रही है। उम्मीद की जा रही है की जल्द ही दुनिया के और भी कई देशों में UPI Payment System लागु हो सकता है और भारत सरकार इसको लेकर बातचीत कर रही है। अगर पूरी दुनिया में UPI शुरू ही जाती है तो सभी लोगों को एक देश से दूसरे देश में पैसे लेकर जाने की या फिर करेंसी को चेंज करवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी और आप अपने मोबाइल फ़ोन के जरिये ही किसी भी देश में पेमेंट कर पायेंगे।
UPI भारत के डिजिटल भुगतान को पूरी तरह से बदल चुका है और अब यह अन्य देशों में भी विस्तार कर रहा है। UPI की सफलता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में कई और देश इसे अपनाएंगे और इसके जरिए अपनी भुगतान प्रणाली को आसान और सुरक्षित बनाएंगे। पोरुला पोर्टल के इस आर्टिकल में आज इतना ही। अगर आपको इस आर्टिकल के जरिये कुछ थोड़ी बहुत भी जानकारी मिली है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताना की ये जानकारी आपको कैसे लगी। ऐसी ही और अधिक जानकारियों के लिए आप हमे फॉलो भी कर सकते है ताकि रोजाना आपको ऐसी ही ख़बरों के नोटिफिकेशन मिल सके।