Haryana Land News: हरियाणा प्रदेश की सैनी सरकार ने किसानों और भूस्वामियों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। हरियाणा के अब जमीन अधिग्रहण के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए भूस्वामियों को उनकी जमीन अधिग्रहण के बदले 4 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। यह फैसला विकास परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण को आसान बनाने और भूस्वामियों को नुकसान से बचाने के लिए लिया गया है। प्रदेश में इस फैसले के बाद से ज़मीन मालिकों में अच्छा खासा उत्साह नजर आ रहा है ओर अब शायद ज़मीन अधिग्रहण के समय होने वाली परेशानियों से भी छुटकारा मिल जायेगा।
क्या है सरकार की नई नीति?
हरियाणा सरकार ने Voluntary Land Purchase Policy 2025 को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रदेश के सभी भूस्वामी अपनी जमीन का पूरा या आंशिक हिस्सा सरकार को बेच सकते हैं। इस नीति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी जमीन की उचित कीमत मिले और मजबूरी में कम दाम पर जमीन बेचने की नौबत न आए। नई नीति में मुआवजे की राशि को केंद्रीय अधिनियम के बराबर रखा गया है जिससे भूस्वामियों को पहले से ज्यादा फायदा होगा। उदाहरण के लिए अगर आपकी जमीन का सर्किल रेट 10 लाख रुपए है तो आपको 40 लाख तक मुआवजा मिल सकता है।
कैसे मिलेगा मुआवजा?
प्रदेश के उन सभी लोगों को मिलने वाले मुआवजे की राशि अब कलेक्टर दर से 4 गुना ज्यादा होगी जिनकी ज़मीन को सरकार अपने किसी भी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण करती है। इसके अलावा सरकार ने बिचौलियों (एग्रीगेटर्स) को प्रोत्साहन देने के लिए 1000 से 3000 रुपये प्रति एकड़ तक की राशि देने का भी प्रावधान भी लागू किया है। यह राशि जमीन की कीमत के आधार पर तय होगी।
क्यों लिया गया यह फैसला?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को हरी झंडी दी गई। सरकार का कहना है कि इससे विकास परियोजनाएं तेज होंगी और भूस्वामियों को नुकसान नहीं होगा। यह कदम हरियाणा में विकास और किसानों के हितों को संतुलित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा पहले कई बार ये देखा गया है कि भूस्वामियों को अधिग्रहण होने के बाद भी ये शिकायत रहती थी कि उनको जमीन का कम मुआवना मिला है ओर इस नई नीति के लागू होने के बाद अब ये समस्या भी खत्म हो जायेगी। साथ ही जल्दी जल्दी अधिग्रहण का काम पूरा होने के चलते विकास के कार्यों में भी अब तेजी आयेगी।